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Paperback Ram [Hindi] Book

ISBN: 9395697180

ISBN13: 9789395697187

Ram [Hindi]

रामकथा को अलौकिकता के दायरे से निकालकर, मानवीय क्षमताओं के स्तर पर परखने की शृंखला का नाम है 'राम-रावण कथा'। इसकी विशेषता ही यह है कि इसमें राम नायक अवश्य हैं किंतु रावण भी खलनायक नहीं है। कथा का दूसरा खंड 'दशानन' रावण पर केंद्रित था, इसलिए क्योंकि कथा कालक्रमानुसार प्रगति कर रही है और रावण के चरमोत्कर्ष का काल राम के कर्मक्षेत्र में उतरने से पूर्व का है। इस तीसरे खंड 'राम सप्तम विष्णु का अभ्युदय' में पूरी कथा में राम ही राम हैं। यह उनके विष्णु के अवतार के रूप में प्रतिष्ठित होने की कथा है। इस प्रतिष्ठा को सार्थक करने के उनके प्रयासों की कथा है। इस खंड की कथा राम के विश्वामित्र के साथ ताड़का-वध हेतु प्रस्थान से आरम्भ होकर उनके दण्डक-वन में प्रवेश तक की गाथा है। दूसरे शब्दों में वनगमन से पुनः वनगमन तक की कथा है। किस प्रकार राज्याभिषेक की देहरी तक पहुँचकर भी उन्होंने सहर्ष राज्य का मोह त्यागकर वनगमन स्वीकार किया, यही इस कथा का केन्द्रबिन्दु है। राम के वनवास की कथा हो और कैकेयी का उल्लेख न हो, ऐसा भला कैसे हो सकता है। किंतु इस कथा की कैकेयी से आप घृणा नहीं करेंगे, उससे भी आप प्यार करेंगे, उसका सम्मान करेंगे। इस सबके बीच अनेक बिन्दु आपक

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Format: Paperback

Condition: New

$24.99
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