कविता की गर्माहट आपको पूरे संग्रह में मिलेगी, जिसमें डॉक्टर अर्चना राकेश सिंह का मन, अनुभव, चेतना, दृष्टि सब शामिल है. यही कहना चाहूंगा कि हां यह कविता ही है ....! प्रताप सोमवंशी (कार्यकारी संपादक, हिन्दुस्तान) यह मात्र कविताएँ नहीं हैं, यह सरल शब्दों में लिखी गहरी सोच है. आज मैं अर्चना मैम का कवियित्री रूप देखकर स्तब्ध हूँ, निशब्द हूँ और उनका छात्र होने के नाते गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ. आयुष्मान ख़ुराना (फिल्म अभिनेता, गायक) उनकी कविताओं में प्रकृति, प्रेम और करुणा का ऐसा संगम है जिसको जब भी पाठक आत्मसात करने बैठे तब समझो वो उसका जीवन है जो इन कविताओं के माध्यम से एक बार फिर आंखों के आगे से गुजरने लगता है. इन कविताओं में वही सपने शामिल हैं जिनके ख़्वाब पाठकों ने देखे थे कभी. उनकी लेखनी में हर आम जन मानस का अक्स छुपा है कहीं न कहीं. डॉक्टर मंजू डागर चौधरी, कार्यकारी संपादक (अंतर्राष्ट्रीय मामले) कॉर्पोरेट इनसाइट आयरलैंड डॉक्टर अर्चना, जो अपने छात्रों के लिए हमेशा उनकी चहेती 'अर्चना मैम' रहेंगी अपने जीवन के खट्टे-मीठे अनुभव बहुत सहजता से अपनी कविताओं में पिरो देती हैं और अपने पाठकों को अपने संग एक मनोरम सफ़
र पर ले जाती है. मातृभाषा का प
Related Subjects
Poetry