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Paperback Jeevansandhy -Khushahal Vrudhavasta ki aur [Hindi] Book

ISBN: 9385665375

ISBN13: 9789385665370

Jeevansandhy -Khushahal Vrudhavasta ki aur [Hindi]

डॉ अनिल गांधीजी ने यह पुस्तक ज्येष्ठ व्यक्तियों के लिए तथा उनके लिए तथा उनके लिए कार्य करनेवाली संस्थाओ के लिए समाजिक कर्तव्य भावना से लिखी है। इस पुस्तक के हर एक पन्ने में उनका वह भाव प्रतिबिबित हुआ है. जीवन की संध्या के समय में अर्थात दो कालों के संधिकाल में अटके व्यक्ति के तन-मन में जो तूफान उमड़ आते है उनका वर्णन तो उन्होंने किया है ही साथ उसके लिए उपायों की दिशा, ज्येष्ठ व्यक्तियों का शारिरीक, मानसिक तथा भावनिक शोषण, ज्येष्ठ नागरिकों के लिए उपलब्ध कानून, उनका अर्थकारण, ज्येष्ठ व्यक्तोयों की सहायता करनेवाली संस्थाओ की जानकारी आत्यंतिक वास्तव और सरल शब्दों में प्रस्तुत की है.

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Format: Paperback

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