आप यहाँ कैसे ? आपकी गाड़ी कहीं दिखाई नहीं दे रही ?'!
"वहीं तो खड़ी थी। आपने नहीं देखा ?!' वह मुसकराई
"हाँ, शायद मेरा ध्यान नहीं गया।"
"आप डरे हुए लगते हैं ?"!
"'नहीं-नहीं, वह तो इस सड़क के बारे में बहुत कुछ सुन रखा है, इसलिए थोड़ा''मैं इस सड़क से नहीं आता । आज ही आया हूँ।"!
"हर काम कभी-न-कभी तो पहली बार किया ही जाता है, अक्षय ।'!
अक्षय डर गया, '"' लेकिन आपको मेरा नाम कैसे पता ?"!
"आपके आई-कार्ड पर लिखा है।'! वह हलकी सी मुसकराई।
अक्षय ने अब तक की सबसे गहरी साँस ली। "जी, जी, मैं भूल गया था।'! अक्षय सोच रहा है कि वह बेकार ही डर रहा था। लड़की तो बहुत अच्छी और जरूरतमंद लगती है। अच्छा हुआ, जो उसने उसे बिठा लिया, वरना वह कहाँ जाती! क्]या यही है सड़क का सच ? लोग बेकार में डरते हैं और सड़क को बदनाम कर दिया । जबकि यही एक मेन सड़क है, जो दो शहरों को जोड़ती है ।
-इसी पुस्तक से
प्रस्तुत संग्रह की कहानियाँ अपनी किस्सागोई तथा कथारस से भरपूर हैं, रोमांचक भी अतः हर आयु वर्ण के पाठक के लिए मनोरंजक एवं पठनीय हैं ।