संगीत की महफिलों का सम्राट हारमोनियम, आज हर सांगीतिक-प्रस्]तुति का आधार बन चुका है। इसके बिना संगीत, संगीत नहीं माना जाता। भारतभर में प्रचलित सैकड़ों प्रकार की गायकियों में इसका प्रयोग होता है। लोक-संगीत हो, सुगम-संगीत हो या शास्]त्रीय-संगीत, इसकी स्]वरलहरियों के बिना, सुनने अथवा गाने का माहौल ही पैदा नहीं होता। हारमोनियम के आधुनिक संस्]करण 'केसियों' ने भी युवाओं और बच्]चों के बीच गहरी पैठ बना ली है। ये दोनों वाद्य सीखने में आसान हैं। इन्]हें सीखना हमारे पाठकों के लिए और भी सरल तथा सुविधाजनक सिद्ध हो, इसी उद्देश्]य के साथ यह पुस्]तक प्रस्]तुत की जा रही है।
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