करोड़पति - अरबपति बनाने के लिए सेमिनार, पुस्तकों और फिल्मों की भरमार है मुझे खुशी है कि इनके बीच एक अच्छा मैनेजर बन पाने के लिए पुस्तक आ गई है। देसी मैनेजर बनाने के साथ-साथ यह पुस्तक, व्यक्ति, समाज और देश की आवश्यकता भी पूरी करती है।
पुस्तक ने ऐसे अनेक विषयों को प्रस्ततु किया है जो किसी भी व्यक्ति के जीवन को सफल बना सकते हैं जैसे 'विरोध कब तक किया जाए?' 'नौकरी में नखरा नहीं ' 'जो भी टीम में आ गया वही श्रेष्ठ है उससे सर्वश्रेष्ठ कैसे निकाला जाय?' 'बिना घमंड अपने काम को वरिष्ठ अधिकारी के सामने लाना' आदि साधारण से वाक्य मन को झकझोर कर पूर्वाग्रह नष्ट कर देते हैं।
'देसी मैनेजेर' के बिना भारत विश्व के अग्रणीय आर्थिक देशों में स्थायी स्थान नहीं बना है। यह आज के समय की माँग है और जब तक मैनेजरों की माँग रहेगी तब तक पुस्तक की आवश्यकता रहेगी।