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Paperback Adeena [Hindi] Book

ISBN: 9356829101

ISBN13: 9789356829107

Adeena [Hindi]

यात्रा का दिन आ गया। अदीना के फटे कपड़े भी सिल चुके थे। रास्ते के लिये कुछ रोटी और खाने की चीजें भी तैयार हो चुकी थी। वादे के अनुसार संगीन भी आ पहुँचा। इस दिन के लिये बीबी आइशा ने खास तौर से घी के साथ पुलाव पकाया था। उन्होंने मिलकर खाना खाया, खुर्जी और थैले को गधे पर लाद बीबी आइशा ने अदीना को अपनी गोद में दबा लिया। बेचारी के ताकत नहीं थी, कि कोई बात कहती। वह केवल अपनी आँखों से छः- छः पांत आँसू बहाने लगी। संगीन दरवाजे के बाहर गली में एक घंटा प्रतीक्षा करता रहा, किन्तु अदीना का कहीं पता नहीं था। इसलिये उसने आवाज़ दी "जल्दी कर। अगर देर हुई, तो हम आज रात को मंजिल पर न पहुँचेंगे और फरगाना जाने वाले कारवाँ का साथ न हो सकेगा।" ताशकंद की सड़कों पर बन्दूक और मशीनगन चलने की आवाज़ आ रही थी। लोग हर तरफ भाग रहे थे। दुकानें बन्द थीं। दरवाजे और खिड़कियाँ गोलियों के लगने से टूटी- फूटी और सूराखों से भरी थीं। शाह डरता काँपता, गलियों से बेरास्ते होकर, अपनी दुकान में पहुँचा। यह स्वाभाविक ही था, कि दूसरी दुकानों और हाटों की भाँति इस समय शाह मिर्जा का समावार-खाना भी बन्द होता। पीछे का दरवाजा खोल, उसने दुकान में आकर देखा, कि वहाँ 15-20 अपरिचित आदमी इकट्ठा होकर बैठे हैं।

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Format: Paperback

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