साल 2018 की 26 जनवरी को मैंने बज़्मे-हफ़ीज़ बनारसी मरकज़े-रंगे-हुनर की तशकील की। इस बज़्म (संस्था) ने दिनांक 8 अप्रैल 2018 को बिहार उर्दू अकादमी के सभागार में तरही मुशायरा, दिनांक 29 जुलाई 2018 को बासा (बिहार प्रशासनिक सेवा संघ) भवन में विभिन्न फ़नकारों द्वारा शामे-ग़ज़ल का इनअक़ाद (आयोजन), 22 दिसम्बर 2018 को बिहार हिन्दी साहित्य सम्मलेन, पटना के सभागार में पर्यावरण के सक और प्रदूषण के नियंत्रण के प्रति जनमानस को जागरुक करने हेतु शानदार मुशायरा सह कवि सम्मलेन का आयोजन, 16 जून, 2019 को 'हफ़ीज़' बनारसी की 11 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर ज़िन्दगी, मुहब्बत और मयख़ाना पर उनके अश्आर और तरन्नुम में उनकी ग़ज़लें पेश करने के अलावा एक तरही मुशायरा का आयोजन और पटना पुस्तक-मेला में दिनांक 16 नवम्बर, 2019 को एक मुशायरा सह कवि सम्मलेन का आयोजन कर अपनी सक्रियता और उनकी यादों को विस्मृत न करने के संकल्प का प्रदर्शन किया है। इन सभी अदबी तक़रीबों में जो भी ग़ज़ल या नज़्म पढ़े गये हैं उन्हें एक किताब की शक्ल देने का इरादा हुआ। नाम दिया 'अक़ीदत के फूल'। ये फूल पटना, बिहार और बाहर के शाइरों और शाइरात की खि़राजे-अक़ीदत की शक्ल में आपके दस्ते-मुबारक में पेश करते हुए बेइन्तहा मसर्रत का एहसास ì
ThriftBooks sells millions of used books at the lowest everyday prices. We personally assess every book's quality and offer rare, out-of-print treasures. We deliver the joy of reading in recyclable packaging with free standard shipping on US orders over $15. ThriftBooks.com. Read more. Spend less.